घर संसार का बिखरना
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घर संसार का बिखरना
आंख में पड़ा तिनका, पांव में चुभा हुआ कांटा
बंद आंखों से देखा हुआ सपना,
मन में उथल-पुथल ला देता है।
किसी अपने का दूर चले जाना
अपने हाथों से अपने रिश्तों को मिट्टी में दफन करना
वियोग में दिन रात तड़पना, घर संसार का बिखरना
हृदय को पीड़ित कर देता है।
मन में यादों की लहर और आंखों में आंसुओं का समुंदर
जीवन की कश्ती को भवसागर से धीरे-धीरे पार कराता है।