Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
273 Followers
Follow
Report Content
19 Jul 2024 · 1 min read
“घर-परिवार”
“घर-परिवार”
स्वर्ग से भी सुन्दर अपना घर-परिवार,
सिखाते सभ्यता, शील और संस्कार।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 33 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
Surya Barman
सब कुछ मिले संभव नहीं
Dr. Rajeev Jain
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
#देसी_ग़ज़ल (तेवरी)
*प्रणय प्रभात*
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
शेखर सिंह
अबूजा और शिक्षा
Shashi Mahajan
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
ये जीवन किसी का भी,
Dr. Man Mohan Krishna
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
VINOD CHAUHAN
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
खिंचता है मन क्यों
Shalini Mishra Tiwari
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
Ajit Kumar "Karn"
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
" बहाना "
Dr. Kishan tandon kranti
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
3887.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
भूल गया कैसे तू हमको
gurudeenverma198
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वो मिटा ना सके ज़ुल्म को ज़माने से अभी ।
Phool gufran
"वेश्या का धर्म"
Ekta chitrangini
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...