Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2023 · 1 min read

घर के मसले | Ghar Ke Masle | मुक्तक

(०१)
चाहो तो अपने वश में ये पल हो सकते है
सब्र करो तो सारे मीठे फल हो सकते है
बिना लड़े समझो नाज़ुक से रिश्तों को
घर के सारे मसले घर में हल हो सकते है
(२)
आज के लालच में उसने कल होने नहीं दिया
कड़वी ज़ुबा थी तो मीठा फल होने नहीं दिया
ज़रा सी बात पर बेटी संग मां थाने पहुंच गई
होने वाला था पर मसला हल होने नहीं दिया

स्वरचित मौलिक गीतकार (सर्वाधिकार सुरक्षित)
©®कवि दामोदर विरमाल इंदौर मध्यप्रदेश (भारत)

1 Like · 324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
"कोशिशो के भी सपने होते हैं"
Ekta chitrangini
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
"The Deity in Red"
Manisha Manjari
रात
रात
SHAMA PARVEEN
Love is not about material things. Love is not about years o
Love is not about material things. Love is not about years o
पूर्वार्थ
Is ret bhari tufano me
Is ret bhari tufano me
Sakshi Tripathi
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुझको कबतक रोकोगे
मुझको कबतक रोकोगे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
कर्म भाव उत्तम रखो,करो ईश का ध्यान।
कर्म भाव उत्तम रखो,करो ईश का ध्यान।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अछूत....
अछूत....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हम भारत के लोग उड़ाते
हम भारत के लोग उड़ाते
Satish Srijan
जिन्दगी के हर सफे को ...
जिन्दगी के हर सफे को ...
Bodhisatva kastooriya
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
बौराये-से फूल /
बौराये-से फूल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
"समष्टि"
Dr. Kishan tandon kranti
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
Manoj Mahato
राधा अब्बो से हां कर दअ...
राधा अब्बो से हां कर दअ...
Shekhar Chandra Mitra
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
Vishal babu (vishu)
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल/ गीतिका)
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
Loading...