बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
*सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था।
जो थक बैठते नहीं है राहों में
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
💐प्रेम कौतुक-214💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
NEEL PADAM
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी