Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2016 · 1 min read

गज़ल :– दिल दरवाजा खोल रखा है !!

ग़ज़ल :– दिल दरवाजा खोल रखा है !!

बहर –222—-221—122 !!
!
तुम आयोगी बोल रखा है !
दिल दरवाजे खोल रखा है !!
!
समझाओ तुम इस पगले को !
अन्दर कुछ अनमोल रखा है !!
!
सुंदर साज सुडौल नहीं पर !
ये अपनी काजोल रखा है !!
!
अरमानों की प्रेम क्षुधा में !
मीठे सपने घोल रखा है !!
!
जज्बातों की मापदण्ड का !
हर नक्शा भूगोल रखा है !!

गज़लकार :– अनुज तिवारी “इन्दवार “

3 Likes · 7 Comments · 611 Views

You may also like these posts

प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
Dr Archana Gupta
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हम दर्पण भी दिखलाते हैं
हम दर्पण भी दिखलाते हैं
श्रीकृष्ण शुक्ल
2642.पूर्णिका
2642.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
अक्सर सच्ची महोब्बत,
अक्सर सच्ची महोब्बत,
शेखर सिंह
चाणक्य सूत्र
चाणक्य सूत्र
Rajesh Kumar Kaurav
कुठिया छोटी सी )
कुठिया छोटी सी )
Dr. P.C. Bisen
उम्मीद का दामन।
उम्मीद का दामन।
Taj Mohammad
मेरी शौक़-ए-तमन्ना भी पूरी न हो सकी,
मेरी शौक़-ए-तमन्ना भी पूरी न हो सकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
"इंसाफ का तराजू"
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कार
संस्कार
Dr.Pratibha Prakash
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
Harminder Kaur
There are opportunities that come and go, like the trains on
There are opportunities that come and go, like the trains on
पूर्वार्थ
अपने को जो कहाएं ज्ञानी
अपने को जो कहाएं ज्ञानी
Acharya Shilak Ram
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
.........कृष्ण अवतारी......
.........कृष्ण अवतारी......
Mohan Tiwari
एक छाया
एक छाया
Buddha Prakash
■ अटल सत्य...
■ अटल सत्य...
*प्रणय*
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
I KNOW ...
I KNOW ...
SURYA PRAKASH SHARMA
अवधू का सपना
अवधू का सपना
अवध किशोर 'अवधू'
*भ्रष्टाचार*
*भ्रष्टाचार*
Dushyant Kumar
* पावन धरा *
* पावन धरा *
surenderpal vaidya
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
अंसार एटवी
शहीदों को नमन
शहीदों को नमन
Dinesh Kumar Gangwar
Loading...