“गुस्सा और प्रेम”
गुस्सा और मतभेद
सदा बारिश की तरह हों
जो बरस करके
बिल्कुल खत्म हो जाए,
लेकिन प्रेम
हवा की तरह हो
जो खामोश रहकर भी
दसों-दिशि में फैल जाए।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति