Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2024 · 1 min read

गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।

गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
सबका माथा है जुदा, मिटती नहीं लकीर।।
राम चले वनवास को, त्याग अवध का धाम
धूं-धूं कर अभिमान की, लंका जली तमाम।।
ये उदाहरण सामने, किसकी क्या तकदीर
पैरों में है समय की, सबके ही जंजीर।।
सूर्यकांत

1 Like · 146 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all

You may also like these posts

पोरांनी कशी करावी मैत्री यांच्याशी?
पोरांनी कशी करावी मैत्री यांच्याशी?
Shinde Poonam
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रे कागा
रे कागा
Dr. Kishan tandon kranti
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
पूर्वार्थ
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
"तुम तो बस अब गरजो"
Ajit Kumar "Karn"
रंगों का महापर्व होली
रंगों का महापर्व होली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कुछ कल्पना ,कुछ हकीकत
कुछ कल्पना ,कुछ हकीकत
Dr.sima
सारे मोमिन - संत मरेंगे
सारे मोमिन - संत मरेंगे
कविराज नमन तन्हा
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
हिंदी दोहे- कलंक
हिंदी दोहे- कलंक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
Ravi Prakash
मात गे हे डोकरा...
मात गे हे डोकरा...
TAMANNA BILASPURI
छलिया तो देता सदा,
छलिया तो देता सदा,
sushil sarna
मांदर बाजय रे गोरी नाचे न
मांदर बाजय रे गोरी नाचे न
Santosh kumar Miri
"पहचानो अपने मित्रों को "
DrLakshman Jha Parimal
फूल से कोमल मन
फूल से कोमल मन
Mahesh Tiwari 'Ayan'
छप्पय छंद
छप्पय छंद
seema sharma
आओ अच्छाई अपनाकर
आओ अच्छाई अपनाकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
उनकी  बातों  में  जहर  घुला है।
उनकी बातों में जहर घुला है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बचपन की बारिश
बचपन की बारिश
Dr MusafiR BaithA
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
"ना ढूंढ सको तिनका, यदि चोर की दाढ़ी में।
*प्रणय प्रभात*
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
04/05/2024
04/05/2024
Satyaveer vaishnav
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
दीप जला दो
दीप जला दो
Dr.Pratibha Prakash
मैं पतंग तू मांजा...
मैं पतंग तू मांजा...
Manisha Wandhare
Loading...