गीत गज़ल की बातें
गर्मी में हो जैसे बरसातें
जब हों गीत गज़ल की बातें
इंद्रधनुष रहता जिसके उर
ऐसे नील गगन की बातें
शहनाइयों की तान जैसी
मन्द रम्य पवन की बातें
बागों और उपवन की बातें
खिलते हुए कमल की बातें
आनंद और उमंग भरी
उत्साहित नयन की बातें
रातों को कहते अलविदा
उगते दिनकर की बातें
निश्छल प्यार की सौगातें
होती दिल के संबल की बातें