“गिरना, हारना नहीं है”
“गिरना, हारना नहीं है”
हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है। जब तक व्यक्ति हार नहीं मानता, तब तक वह जीत का प्रबल दावेदार होता है। गिरना, हारना नहीं है, वरन् गिरकर उठने से इंकार कर देना ही हारना है।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति