ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
ग़ज़ल
1,,
सब्र अपने पास रखना चाहिए ,
हर किसी पर क्या भड़कना चाहिए । मतला
2,,
बेटियों को रोकिए मत बा-खुदा ,
इनको चिड़ियों सा चहकना चाहिए ।
3,,
खूबसूरत सा हुआ मौसम इधर ,
सोचती हूं प्यार करना चाहिए। (गिरह)
4,,
बारिशों ठहरो ज़रा कुछ देर को ,
बादलों को भी गरजना चाहिए ।
5,,
सोच कर देखो मेरी बातों को तुम ,
यार से क्यों कर उलझना चाहिए ।
6,,
हैं हसीं आँखें तुम्हारी , दिलरुबा ,
रो नहीं , मुझको न झरना चाहिए ।
7,,
सादगी , आवारगी , छींटाकशी ,
“नील” ग़ज़लें अब निखरना चाहिए ।
✍️नील रूहानी ,,, 28/08/2024,,
( नीलोफर खान )