Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

मन का समंदर

मन का समंदर
समंदर की लहरें कब हवा हो जाती है
पता ही नहीं चलता कब धुआं हो जाती है
ओस की बुंदों की तरह कुछ पल को दिखतीं हैं यहाँ मगर कब फुर हो जाती है वो पलक आंखों से, पता नहीं चल पातीं है….
लहरों की उमंग का तकाजा तो तरंगों में सजाती है
जो परवान चढ़ के गुमसुम खुद में उफान लाती हैं
बस है समाया सब्र का उसुल जो दबा कर रखतीं है जो इम्तिहान है हदी की तो अब तक शांत हैं मेरा समंदर
वरना कब का कहर ढा देतीं…
बस हूँ मैं मौजां हस्ती!मेरे समंदर में, तू परेशान न कर
शातं लहरों से किनारा छुती हुं आज मैं धीरे से चलकर
जो आया है शौक से मिलने वो समाया मुझमें देखकर
वरना जो जला हैं मुझमें मुझे देख कर उसे भी अंतर से किनारा किया मेरे समंदर ने फैंक कर….
मैं शांत समंदर सा हूं हस्ती सब समाया है मुझमें
अर्पण तर्पण समर्पण, वो भाव समा सब मुझमें
मैं देखकर चलता हूँ यहाँ,हालात की हवा है किधर
जो बहकाती है मुझे युं छु छु कर आज भी, की कहीं मैं भी तुफां सा बवंडर ला दु मुझमें…..
मगर मैं समंदर हूंँ हस्ती; नदी नहीं जो युं मचल जाऊं
थोडे़ से आवेश मैं आ आज, मैं नदी सा होश खो जाऊँ
मैं तुम सा नहीं जो सब को अपनें मैं में बहाके ले जाऊं
मैं समंदर हूं अपनें मौज का हस्ती आज!जो देखकर सब में मैं समां जाऊं…
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

103 Views

You may also like these posts

व्याकुल हृदय
व्याकुल हृदय
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
अब मुझे जाने दे
अब मुझे जाने दे
Jyoti Roshni
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Surinder blackpen
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
Anand Kumar
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रार्थना(हनुमान जी)
प्रार्थना(हनुमान जी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"पथ प्रिय रघुनंदन का"
राकेश चौरसिया
*अशोक कुमार अग्रवाल : स्वच्छता अभियान जिनका मिशन बन गया*
*अशोक कुमार अग्रवाल : स्वच्छता अभियान जिनका मिशन बन गया*
Ravi Prakash
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
उसकी फितरत थी दगा देने की।
उसकी फितरत थी दगा देने की।
Ashwini sharma
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
DrLakshman Jha Parimal
स्वतंत्रता दिवस और सेकुलर साहेब जी
स्वतंत्रता दिवस और सेकुलर साहेब जी
Dr MusafiR BaithA
SKY88 luôn đảm bảo các giao dịch của bạn được thực hiện nhan
SKY88 luôn đảm bảo các giao dịch của bạn được thực hiện nhan
SKY88
"अहसास की खुशबू"
Dr. Kishan tandon kranti
पुराना साल-नया वर्ष
पुराना साल-नया वर्ष
Arun Prasad
हमको भी कभी प्रेम से बुलाइए गा जी
हमको भी कभी प्रेम से बुलाइए गा जी
कृष्णकांत गुर्जर
दोहा
दोहा
seema sharma
मज़दूर दिवस
मज़दूर दिवस
Shekhar Chandra Mitra
फुर्सत की गलियां
फुर्सत की गलियां
Ragini Kumari
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
हमारा नेता कैसा हो
हमारा नेता कैसा हो
Sudhir srivastava
2813. *पूर्णिका*
2813. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ते
रिश्ते
Vandna Thakur
विषय-मन मेरा बावरा।
विषय-मन मेरा बावरा।
Priya princess panwar
नई सुबह
नई सुबह
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
* कुछ लोग *
* कुछ लोग *
surenderpal vaidya
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
खिड़की में भीगता मौसम
खिड़की में भीगता मौसम
Kanchan Advaita
Loading...