ज़िन्दगी का जोश

ज़िन्दगी के जोश को, उम्दा बनाइये,
A.C की हवा छोड़ के, बाहर तो आइये।
इस कमरे से उस कमरे में, काटो न ज़िन्दगी,
ताजी हवा जो खानी है, खेतों में आइये।।
दादा जी कहा करते थे, जागो सुबह-सुबह,
उगते भगवान सूर्य को, माथा नवाइये।
मन के विकार बढ़ रहें, घबराइए नहीं,
मन्दिर की पाँच छोटी, परिक्रमा लगाइये।।
🙏 रचनाकार:-
राज कुमार शर्मा,
स्टेट अवार्डी टीचर, 2022
UPS चित्रवार, मऊ, चित्रकूट