ग़ज़ल
उड़ता है साथ लेकर अरमान किसानों का
बादल नहीं है ये है भगवान किसानों का
हिन्दू ने जलाया तो, मुस्लिम ने जलाया तो
हर बार ही जलता है खलिहान किसानों का
बारिश नहीं हुई तो,बारिश अधिक हुई तो
हर हाल में होता है नुक़सान किसानों का
लॉकर में नहीं रक्खा,बंकर में नहीं रक्खा
आकाश के नीचे है सामान किसानों का
यह देश किसानों का,कहते हैं सभी लेकिन
इस देश में कब होगा सम्मान किसानों का