ग़ज़ल : ….. प्यार तेरा मिला नहीं होता ।
….. प्यार तेरा मिला नहीं होता ।
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प्यार तेरा मिला नहीं होता ।
खत्म, ये फासला नहीं होता ।
तुम अगर एक फोन कर देती,,
रूठना… यूँ खला नहीं होता ।
ताजगी…फूल की मस्त देखी,,
बेतरह…..बावला नहीं होता ।
इश्क़ की राह पे न मैं चलता,,
हाथ मेरा… जला नहीं होता ।
देख…………भौंरे मरे नहीं होते,,
काश गुल फिर खिला नहीं होता ।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
26. 09. 2017