Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2022 · 1 min read

ग़ज़ल:- नज़रिये देखने के गर बदल गये होते…

नज़रिये देखने के गर बदल गये होते।
दिलों की बात क्या पत्थर पिघल गये होते।।

ज़रा सा तुम भी जो पीछे पिछल गये होते।
लगा के सीने से हम भी उछल गए होते।।

बनाया होता नहीं हमको सख़्त जो इतना।
हर एक सांचे में हम भी तो ढल गये होते।।

न होते हम में हुनर धूल झोंक पाने के।
यहां के लोग तो जिंदा निगल गये होते।।

निकालते न हमें जिंदगी से तुम अपनी।
कहा जो होता हमही खुद निकल गए होते।।

चलो जी मिलके खिलाते हैं फूल गुलशन में।
ग़ुलों की ख़ुशबू से मौसम मचल गए होते।।

पिला भी देते तुम्हें ‘कल्प’ दूध हम अपना।
अगर त्रिदेव सरीखे बदल गये होते।।

✍ अरविंद राजपूत ‘कल्प’

233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वंशवादी जहर फैला है हवा में
वंशवादी जहर फैला है हवा में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
निकले थे चांद की तलाश में
निकले थे चांद की तलाश में
Dushyant Kumar Patel
".... कौन है "
Aarti sirsat
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
दूर देदो पास मत दो
दूर देदो पास मत दो
Ajad Mandori
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
मेरा आंगन
मेरा आंगन
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा - शीत
दोहा - शीत
sushil sarna
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
नेतागिरी करने लगा है, जज तुम्हारा फैसला (हिंदी गजल/ गीतिका)
नेतागिरी करने लगा है, जज तुम्हारा फैसला (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
सच तो सच ही रहता हैं।
सच तो सच ही रहता हैं।
Neeraj Agarwal
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
सनम की शिकारी नजरें...
सनम की शिकारी नजरें...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
गणेश जी का हैप्पी बर्थ डे
गणेश जी का हैप्पी बर्थ डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"अभी" उम्र नहीं है
Rakesh Rastogi
देश की हिन्दी
देश की हिन्दी
surenderpal vaidya
"गर्दिशों ने कहा, गर्दिशों से सुना।
*Author प्रणय प्रभात*
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
पूर्वार्थ
"खत"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द अभिव्यंजना
शब्द अभिव्यंजना
Neelam Sharma
Loading...