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1 Aug 2017 · 1 min read

ग़ज़ल : दिल में आता कभी-कभी

दिल में आता कभी-कभी

जग न भाता कभी-कभी ।
दिल में आता कभी-कभी ।।

देख छल-कपट बे-शर्मी,,
मन तो रोता कभी-कभी ।।

आकर फँसा जहाँ–तहाँ,,
वो नचाता कभी–कभी ।।

मेह…री कटु कहे जभी,,
दुख रुलाता कभी-कभी ।।

झंझट देखूँ घर-घर जब,,
गम सताता कभी-कभी ।।

दूर भागूँ कभी जहाँ,,
खींच लाता कभी-कभी ।।

===============
दिनेश एल० “जैहिंद”
21. 07. 2017

322 Views

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