ग़ज़ल : दिल में आता कभी-कभी
दिल में आता कभी-कभी
जग न भाता कभी-कभी ।
दिल में आता कभी-कभी ।।
देख छल-कपट बे-शर्मी,,
मन तो रोता कभी-कभी ।।
आकर फँसा जहाँ–तहाँ,,
वो नचाता कभी–कभी ।।
मेह…री कटु कहे जभी,,
दुख रुलाता कभी-कभी ।।
झंझट देखूँ घर-घर जब,,
गम सताता कभी-कभी ।।
दूर भागूँ कभी जहाँ,,
खींच लाता कभी-कभी ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
21. 07. 2017