Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

गरीब–किसान

कभी बाढ ने लुटा,
कभी सुखे ने,
कभी कोरोना बीमारी से लुट गया,
लुटाना जिसके नियत है,
वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं ।

फसल मे नुकसान,
राहत के इरादे,
दर–दर भटक रहे हैं,
भटकना जिसके विवशता हैं,
वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं ।

जल, मलखाद् अभाव,
खुनपसिने से किई सिंचाई,
इसपर सरकार की वीमा योजना हैं,
पर अफिसियल झंझट जिसके मजबुरी हैं,
वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं ।

मिट्टी हैं,
पहले जैसा गुणवत्ता उसमे कहाँ,
फिर भी बेहत्तर उत्पादकता के लिए दौढ रहे हैं,
परन्तु मेहनत सभी जिसके बेकार हैं,
वह कोई नही गरीब–किसान हैं ।

निवेश की गुंजाईश नहीं कोशो दूर ,
ऋण, आधुनिक तकनीक से रिस्ता नही दूर–दूर,
फिर भी सहायता के उम्मिद में आकाशफल चक रहे हैं,
वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं ।

दिल्ली दरबार,
या फिर सिंहदरबार की ओर हो कुच,
कडक ठंड मे सडक पर उष्मा भर रहे हैं,
उधर बहरे भारतीय सत्ता ईधर भी वही बाध्यता हैं,
वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं ।

#दिनेश_यादव
काठमाण्डौं (नेपाल)
#हिन्दी_कविता #Hindi_Poetry

Language: Hindi
1 Like · 150 Views
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all

You may also like these posts

गलती का ये ठीकरा, फोड़े किसके माथ
गलती का ये ठीकरा, फोड़े किसके माथ
RAMESH SHARMA
अकेले चलने की तमन्ना मन में होना चाहिए,
अकेले चलने की तमन्ना मन में होना चाहिए,
पूर्वार्थ
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
खो गए हैं ये धूप के साये
खो गए हैं ये धूप के साये
Shweta Soni
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
गुरु कुल के प्रति गोपी छंद
गुरु कुल के प्रति गोपी छंद
guru saxena
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
3328.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3328.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
# चांदनी#
# चांदनी#
Madhavi Srivastava
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
*अध्याय 4*
*अध्याय 4*
Ravi Prakash
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
शेखर सिंह
पावन मन्दिर देश का,
पावन मन्दिर देश का,
sushil sarna
चाचा नेहरू
चाचा नेहरू
नूरफातिमा खातून नूरी
असल आईना
असल आईना
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शब्दों की मशाल
शब्दों की मशाल
Dr. Rajeev Jain
वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
■मतलब-परस्ती■
■मतलब-परस्ती■
*प्रणय*
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
मुकम्मल हो नहीं पाईं
मुकम्मल हो नहीं पाईं
Dr fauzia Naseem shad
नववर्ष : स्वागत और विदाई
नववर्ष : स्वागत और विदाई
Sudhir srivastava
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
Meenakshi Masoom
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
Aruna Dogra Sharma
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
Lokesh Sharma
Loading...