“गम का वहम”
“गम का वहम”
यूँ तो इस जिन्दगी में कई-कई गम है,
मगर कुछ तो फकत गम का वहम है।
दुश्मनी के लिए मेरे पास वक्त कहाँ,
मोहब्बत के लिए ही ये जिंदगी कम है।
“गम का वहम”
यूँ तो इस जिन्दगी में कई-कई गम है,
मगर कुछ तो फकत गम का वहम है।
दुश्मनी के लिए मेरे पास वक्त कहाँ,
मोहब्बत के लिए ही ये जिंदगी कम है।