Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2024 · 1 min read

– अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए –

– अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए
कुछ न दिखे न ही कुछ वे देख पाए,
धर्तृराष्ट की तरह ही सब की आंखों की रोशनी चली जाए,
गांधारी सी सबके आंखो पर पट्टी बंध जाए,
कहते है अंधा होता है कानून,
पर अपने स्वार्थ में सबकुछ देखते ही अंधे हो जाए,
विनाश आ रहा दबे पांव से,
उसको न देख पाए,
रहे अपने गुमान में मग्न पर,
एक दिन वो ठोकर खाए,
अपनो के हक का खाने की मन में इच्छा हो जाए,
नीति उनकी भ्रष्ट हो जाए,
अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कमाल की बातें*
*कमाल की बातें*
आकांक्षा राय
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
23/174.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/174.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
तुम हारिये ना हिम्मत
तुम हारिये ना हिम्मत
gurudeenverma198
स्त्री
स्त्री
Dr fauzia Naseem shad
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
Vishal babu (vishu)
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*सड़क छोड़ो, दरवाजे बनवाओ (हास्य व्यंग्य)*
*सड़क छोड़ो, दरवाजे बनवाओ (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-550💐
💐प्रेम कौतुक-550💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
मैं ....
मैं ....
sushil sarna
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
है यही मुझसे शिकायत आपकी।
है यही मुझसे शिकायत आपकी।
सत्य कुमार प्रेमी
शब्द कम पड़ जाते हैं,
शब्द कम पड़ जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"तेरी खामोशियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
इमोशनल पोस्ट
इमोशनल पोस्ट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
कहते हैं,
कहते हैं,
Dhriti Mishra
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
Rj Anand Prajapati
Loading...