Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2020 · 1 min read

खूबसूरत है ये आफरीं ज़िंदगी

साँस का सिलसिला ही नहीं ज़िंदगी
खूबसूरत है ये आफरीं जिंदगी

हार जाते हैं खुद से अगर हम कहीं
ख़त्म हो जाती है फिर वहीं ज़िदगी

गम अगर हैं खुशी भी मिलेगी यहाँ
जी रहा आदमी बे -यकीं ज़िंदगी

ज़िन्दगी को अगर जीना छोड़ोगे तो
छोड़ देगी तुम्हे भी कहीं ज़िंदगी

अपने माशूक जैसे ही समझो इसे
चाहते हो अगर तुम हमनशीं ज़िंदगी

1 Like · 2 Comments · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कौन सोचता....
कौन सोचता....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
दो जीवन
दो जीवन
Rituraj shivem verma
हम दो अंजाने
हम दो अंजाने
Kavita Chouhan
दुनिया
दुनिया
Jagannath Prajapati
मुस्कुराना चाहते हो
मुस्कुराना चाहते हो
surenderpal vaidya
तसव्वुर
तसव्वुर
Shyam Sundar Subramanian
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
पहली दस्तक
पहली दस्तक
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तनावमुक्त
तनावमुक्त
Kanchan Khanna
देवमूर्ति से परे मुक्तिबोध का अक्स / MUSAFIR BAITHA
देवमूर्ति से परे मुक्तिबोध का अक्स / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
विमला महरिया मौज
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
सम्मान
सम्मान
Paras Nath Jha
जीवन की परिभाषा क्या ?
जीवन की परिभाषा क्या ?
Dr fauzia Naseem shad
पहले नामकरण
पहले नामकरण
*Author प्रणय प्रभात*
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
इश्क की वो  इक निशानी दे गया
इश्क की वो इक निशानी दे गया
Dr Archana Gupta
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
2797. *पूर्णिका*
2797. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-477💐
💐प्रेम कौतुक-477💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शब्द मधुर उत्तम  वाणी
शब्द मधुर उत्तम वाणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
Loading...