Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

खत

लो फिर किसी की बात किसी तक पहुंच गई
यूं लगा कि किसी की आरजू पूरी हो गई |
वो तो गुदगुदा गए मन ही मन अनंत
कि उनकी निगाह उनके खत पर पड़ गईं |
क्या हुआ कि खत को पढ़ा और मुस्कुरा गए वो
शायद उनकी समझ में उनकी बात आ गई |
ऐ काश कि वो उनसे इतनी दूर न होते
खत तो था करीब मगर वो इतने मजबूर न होते |
लो फिर यही खाव उनकी आरजू बन गया
ये आरजू उनकी इक जिद हो गई |

58 Views

You may also like these posts

मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
Kanchan Alok Malu
हम गांव वाले है जनाब...
हम गांव वाले है जनाब...
AMRESH KUMAR VERMA
जबसे तू गइलू नइहरवा (चइता)
जबसे तू गइलू नइहरवा (चइता)
आकाश महेशपुरी
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
ruby kumari
"आओ चलें, मतदान करें"
राकेश चौरसिया
बेटियाँ
बेटियाँ
Pushpa Tiwari
शेर -
शेर -
bharat gehlot
सम्मान
सम्मान
Dr. Kishan tandon kranti
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
Stop cheating on your future with your past.
Stop cheating on your future with your past.
पूर्वार्थ
यॅू तो,
यॅू तो,
TAMANNA BILASPURI
पल में सब  कुछ खो गया
पल में सब कुछ खो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
गहरा है रिश्ता
गहरा है रिश्ता
Surinder blackpen
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान
आज़ पानी को तरसते हैं
आज़ पानी को तरसते हैं
Sonam Puneet Dubey
सच के आईने में
सच के आईने में
मधुसूदन गौतम
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
Rj Anand Prajapati
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Mangilal 713
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
भरोसा
भरोसा
Ragini Kumari
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
दोहे एकादश...
दोहे एकादश...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किस बात का गुमान है यारो
किस बात का गुमान है यारो
Anil Mishra Prahari
मानव जीवन अनमोल है, सीमित संसाधन भी अनमोल।
मानव जीवन अनमोल है, सीमित संसाधन भी अनमोल।
जय लगन कुमार हैप्पी
मां
मां
Sûrëkhâ
Loading...