“आओ चलें, मतदान करें”
आओ चलें, मतदान करें,
देशहित में कुछ काम करें।
अपने अधिकारों को समझे,
निर्भय होकर समर में उतरें।
खिले जिससे राष्ट्र की आभा,
हम उन सत्कर्मों से गुजरें।
जात – पात, भेद-भाव नहीं,
लोकतंत्र का सम्मान करें।
आओ चलें, मतदान करें,
देशहित में कुछ काम करें।
एक नारा अबकी बार बुलंद करें,
ईमानदार प्रत्याशी का चुनाव करें।
बनाएं सुरक्षित, स्थाई सरकार,
विकसित शहर और गांव करें।
देश की प्रतिष्ठा सबसे पहले,
निज अधिकारों की पहचान करें।
आओ चलें, मतदान करें,
देशहित में कुछ काम करें।
राष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं,
चुनावी सुधारों को अमल में लाएं।
अमीरी-गरीबी की खाई पाट,
देश को विकसित राष्ट्र बनाएं।
विकास पथ पर सरपट दौड़ें,
शुरू नया अभियान करें।
आओ चलें, हम मतदान करें,
देशहित में कुछ काम करें।।
© स्वरचित व मौलिक रचना
राकेश चौरसिया