Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

” क्यूँ “

” क्यूँ ”
यूँ तो चले जाने के बाद
फिर क्यूँ बुलाते हैं लोग,
मर जाने के बाद भी
फिर क्यूँ जलाते हैं लोग।

1 Like · 1 Comment · 28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सेहत या स्वाद
सेहत या स्वाद
विजय कुमार अग्रवाल
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अंत समय
अंत समय
Vandna thakur
3031.*पूर्णिका*
3031.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
मेनका की मी टू
मेनका की मी टू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
रक्षा बन्धन पर्व ये,
रक्षा बन्धन पर्व ये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
Anis Shah
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
*Author प्रणय प्रभात*
रक्त को उबाल दो
रक्त को उबाल दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
ruby kumari
नफरत थी तुम्हें हमसे
नफरत थी तुम्हें हमसे
Swami Ganganiya
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
माया
माया
Sanjay ' शून्य'
आओ बुद्ध की ओर चलें
आओ बुद्ध की ओर चलें
Shekhar Chandra Mitra
सत्य को अपना बना लो,
सत्य को अपना बना लो,
Buddha Prakash
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मैं आँखों से जो कह दूं,
मैं आँखों से जो कह दूं,
Swara Kumari arya
करती पुकार वसुंधरा.....
करती पुकार वसुंधरा.....
Kavita Chouhan
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
Neelam Sharma
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
Shyam Pandey
//...महापुरुष...//
//...महापुरुष...//
Chinta netam " मन "
ईश्वर से शिकायत क्यों...
ईश्वर से शिकायत क्यों...
Radhakishan R. Mundhra
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
Loading...