Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 2 min read

मेनका की मी टू

मेनका की ‘मी टू’

“राजेश जी आप चांदनी चौक तरफ ही रहते हैं न ?” ऑफिस से निकलते ही डायरेक्टर साहब की स्टेनो मेनका ने पूछा.
“जी हाँ, वहीं मोड़ पर पहली गली में तीसरा मकान है हमारा.” ऑफिस में हाल ही नियुक्त क्लर्क राजेश ने बताया.
“हाँ, मुझे पता है. मैंने आपको उधर आते-जाते कई बार देखा है. मेरा घर भी चांदनी चौक के पास ही है.” मेनका ने बताया.
“अच्छा-अच्छा, फिर तो हम दोनों पड़ोसी निकले.” राजेश के मुँह से यूं ही निकल गया. आसपास खड़े सहकर्मी मुस्कुराने लगे.
“क्या आज आप मुझे अपनी बाइक पर लिफ्ट देंगे ? क्या है कि आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है.” मेनका ने आग्रह किया.
“हाँ-हाँ, क्यों नहीं. आइये बैठिए.” राजेश ने कहा और दोनों चल पड़े.
अब तो दोनों के बीच अक्सर इस प्रकार की हल्की-फुल्की बातचीत होती रहती. प्रायः दोनों साथ ही आते-जाते. मेनका तलाकशुदा थी, जबकि राजेश एक अविवाहित, खूबसूरत नौजवान था. दोनों को एक दूसरे का साथ खूब रास आ रहा था. दोनों किसी भी तरह से एक दूसरे को पाना चाहते थे. मौका भी उन्हें जल्दी ही मिल गया.
एक दिन मेनका ने उसे चाय के बहाने घर बुला लिया. उसी दिन दोनों दिन दुनिया से बेखबर एक दूसरे में खो गए. फिर तो अक्सर ऐसे ही मिलने लगे. ऐसे अन्तरंग के पल मेनका के घर में लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरे में रिकॉर्ड होते रहे.
हफ्ते भर बाद मेनका ने उससे विवाह का प्रस्ताव रखा. राजेश ने साफ़ मना कर दिया. वह तो बस मजा लेने और टाइम पास के लिए मेनका से सम्बन्ध बना रहा था.
मेनका अड़ गई, “शादी तो तुम्हें मुझसे करनी ही पड़ेगी मिस्टर राजेश. मैं कोई बाजारू रंडी नहीं, कि तुम मुझसे खेलकर पतली गली से निकल लो. यदि तुमने मुझसे शादी नहीं कि तो मैं शोर मचाकर अभी लोगों को इकठ्ठा कर लूंगी. फिर वे तुम्हारा क्या हाल करेंगे, बताने की जरूरत नहीं. ये सी.सी.टी.व्ही. कैमरा देख रहे हो न; इसमें सब कुछ रिकॉर्ड है. ‘मी टू’ केम्पेन का नाम तो सूना ही होगा. नौकरी तो जाएगी ही, तुम कहीं भी मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहोगे.”
बदनामी और नौकरी जाने के डर से उसने शादी के लिए ‘हाँ’ कर दी.
अगले ही दिन सुबह राजेश की लाश मिली. उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
-डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

Language: Hindi
122 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन के घाव
मन के घाव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मनीआर्डर से ज्याद...
मनीआर्डर से ज्याद...
Amulyaa Ratan
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
माता  रानी  का लगा, है सुंदर  दरबार।
माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
ज़िंदगी की उलझन;
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
3032.*पूर्णिका*
3032.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा छंद विधान
दोहा छंद विधान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राष्ट्रीय गणित दिवस
राष्ट्रीय गणित दिवस
Tushar Jagawat
"ग्लैमर"
Dr. Kishan tandon kranti
मजबूरियां थी कुछ हमारी
मजबूरियां थी कुछ हमारी
gurudeenverma198
आप मुझको
आप मुझको
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम ही जीवन है।
प्रेम ही जीवन है।
Acharya Rama Nand Mandal
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
सादगी
सादगी
राजेंद्र तिवारी
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
गुम लफ्ज़
गुम लफ्ज़
Akib Javed
💐प्रेम कौतुक-259💐
💐प्रेम कौतुक-259💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
Manoj Kushwaha PS
কুয়াশার কাছে শিখেছি
কুয়াশার কাছে শিখেছি
Sakhawat Jisan
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
*प्लीज और सॉरी की महिमा {हास्य-व्यंग्य}*
*प्लीज और सॉरी की महिमा {हास्य-व्यंग्य}*
Ravi Prakash
छोटी-सी मदद
छोटी-सी मदद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
होली पर
होली पर
Dr.Pratibha Prakash
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
देश का दुर्भाग्य
देश का दुर्भाग्य
Shekhar Chandra Mitra
When the ways of this world are, but
When the ways of this world are, but
Dhriti Mishra
Loading...