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19 Feb 2024 · 1 min read

क्या लिखूं

पास बैठो इक शाम लिखूं,
अपने हाथों पर तुम्हारा नाम लिखूं…!

आंखों में वो नमी है
जैसे तुम्हारी कमी है

रात के करवट में,
ख्वाबो की बनावट मे

चंद्रमा की लालहट जैसी,
स्वप्न में तुम्हारी आहट जैसी

मैं लिखूं तुम्हारे बचपन को,
दो छोटी बाल और अल्हड़पन को

आओ शाम लिखूं,
तुम्हारा नाम लिखूं…!

Language: Hindi
75 Views

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