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14 Feb 2024 · 1 min read

‘दीप’ पढ़ों पिछडों के जज्बात।

हे दीप ,सुनो बात,
पढ़ों पिछडों के जज्बात।
बनो मिशाल उनके लिए तुम,
बदल तो उनके तुम हालात।

जो पिछड़ गए विकास से,
जो दूर हुये शिक्षा से।
जो ग्रस्त हैं कुपोषण से,
जो त्रस्त हुए शोषण से।

जिनको और न जीना है,
जिनको केवल पीना है।
जिनका खून पसीना है,
जिनका झुका सीना है।

जो हैं सताये हुए,
अपनो के ठुकराए हुए।
जानने उनकी समस्याएं,
करो उनसे तुम बात।

‘दीप’ करो हमेशा यही प्रयास,
चहुँ ओर फैले ज्ञान प्रकाश।
खुशियों से जगमग हो,
सब पिछड़ों का आकाश।

बदल जाएं उनके हालात।
बदल जाएं उनके हालात।

-जारी
©कुल’दीप’ मिश्रा

Language: Hindi
2 Likes · 48 Views
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