Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2023 · 1 min read

मेरे ताल्लुकात अब दुश्मनों से है खुशगवार

मेरे ताल्लुकात अब दुश्मनों से है खुशगवार
खौफ अपनों का नहीं मुझको अब इस ज़माने में.
रमेश शर्मा….

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कर रहे हैं वंदना
कर रहे हैं वंदना
surenderpal vaidya
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
SHASHANK TRIVEDI
बुरा वक्त
बुरा वक्त
लक्ष्मी सिंह
जागृति और संकल्प , जीवन के रूपांतरण का आधार
जागृति और संकल्प , जीवन के रूपांतरण का आधार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*तन मिट्टी का पुतला,मन शीतल दर्पण है*
*तन मिट्टी का पुतला,मन शीतल दर्पण है*
sudhir kumar
*ऋषि (बाल कविता)*
*ऋषि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
प्रेम एक अध्यात्म नदी – पाँच दृश्य
प्रेम एक अध्यात्म नदी – पाँच दृश्य
Awadhesh Singh
"पिता है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
मोबाईल नहीं
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
युग परिवर्तन
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
2891.*पूर्णिका*
2891.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
बस एक कदम दूर थे
बस एक कदम दूर थे
'अशांत' शेखर
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
CA Amit Kumar
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पिता का यूं चले जाना,
पिता का यूं चले जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
सफल व्यक्ति
सफल व्यक्ति
Paras Nath Jha
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
VEDANTA PATEL
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
#क़तआ
#क़तआ
*प्रणय प्रभात*
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
Basant Bhagawan Roy
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
Loading...