क्या क्या करे इस होली में
जो ग़मगीन चेहरे है,रंगीन रंग भर दो उनकी झोली में |
कोई भी उदास न रहे,इस गुलाल रंगो से भरी होली में ||
बंद है जो बुजुर्ग घरो में,इस कठिन कोरोना काल में |
उनके साथ होली खेलो,खुश रखो उनको हर हाल में ||
रूठे है जो दोस्त तुमसे,गुलाल लगाओ उनको होली में |
नाचो कूदो उनके संग,गाना गाओ तुम उनकी टोली में ||
सीमा पर है जो तैनात जवान,रंग बरसाओ उनकी टोली में |
दुश्मन के छक्के छूट जाये,बारूद भरो तुम उनकी गोली में ||
सम्मान करो उन बहनो का,जिनका सिन्दूर पुछा है होली में|
फिर से उनको दुल्हन बनाओ,श्रृंगार करो उनका इस होली में ||
ईर्ष्या घृणा मनमुटाव का दहन करो,तुम सब इस होली में |
सबको गले लगा लो तुम,जो रूठ गए थे पिछली होली में ||
आर के रस्तोगी गुरुग्राम