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26 Mar 2024 · 2 min read

कथाकार

कथाकार.
-आचार्य रामानंद मंडल.
-हे कथि करय छी.
-एगो कथा लिख रहल छी.
-हे अंहा के कोनो दोसर काज न हबे. जहिया से रिटायर कैली हय. तहिया से कविता -कथा लिख रहल छी.
-त हम कोन काज करू.
-दू -चार लैइका के टीउशन कैला न पढबै छी.तिमनो तरकारी के दाम त निकल जैतै.
-हे हमरा ज्यादा देर बैठल न जाइ हय. कमर दर्द बढ जाई हय. पैसा लेबै त पढाबे के न होतैय.
-त कौपी किताबे के दोकान क लू.
-उ त आउर भारी काज हय. बैठ के बेचू. कौपी किताब खतम हो जैला पर फेर खरीद के लाउ. इ सभ काज हमरा से न होतैय.
-हं. इ सभ काज अंहा से न होइ अ .खाली कवि गोष्ठी आ कथा गोष्ठी में जायल होइ अ.
-अइमे त बराबर न जाय के होइ छैय. तीन चार महीना पर जाइ छी.
-अंहा खाली खर्चे करै पर रहय छी.एक बार कविता संग्रह छपाबै पर तीस हजार रुपैया खर्च कैले रही. कहले रही कि सभ बिका जतैय. एको टा न बिकायल. सभ बांट रहल छी. आ पोथी दैइत के फोटो खींच के फेसबुक पर पोस्ट करैत रहय छी. आ बडका कवि बनैत फिरै छी. पहिले कहि रिटायर होय दूं।सोन से देह भरि देव।खरिकैट के रह गेली एगो सोन के सिकड़ी न देल पार लागल।
आबि कहय छी कि कथा लिख रहल छी.
-हं. इ कथा लिखला से कि होतैय. कि मिलतैय.
-कथा से समाज आ देश के दशा आ दिशा बतबैत हय.अपना देश मे वेद, पुराण, स्मृति -त कथा से भरल पुरल हय. अइसे सभ्यता आ संस्कृति के निर्माण होइ छैय.
अंहा त अप्पन दादी -नानी से खिस्सा माने कथा त सुनले होबैय.
-हं. खुब सुनले छी. राजा रानी के खिस्सा. परी आ राक्षस के खिस्सा. राम -रावण के खिस्सा.
-हं. ठीके कहली. राम -रावण के खिस्सा. जनय छियै. इ खिस्सा पहिले पहल ऋषि बाल्मिकी अप्पन रामायण मे लिखलै रहय. बाद मे संत तुलसी दास रामचरित मानस मे. वोहे खिस्सा अंहा अप्पन नानी -दादी से सुनली.
-हं. से बात हय. ऐते त हम सोचबै न कैली हय.
-देखू. महर्षि वाल्मीकि आ संत तुलसी दास न लिखले रहथिन त आइ हम सभ राम -रावण के कथा -त न जैनती. अयोध्या मे राम जन्म भूमि पर बालक भगवान राम के मंदिर न बनतैय.
-हं.से त होइ छैय.
-हे! कथा -कविता पोथी से लोग पैसो कमाय छैय. जौ अंहा के पोथी लोगसभ के पढै मे मन लगैय माने कि पसंद होय . हमहू कथा संग्रह लायक कथा सभ लिख लेली हय. संग्रह के नामो सोच लेली रनिया भिखारिन . छापे लेल प्रकाशन से बातो चल रहल हय. ऐहु मे लगभग तीस हजार रुपैया लागत.
-त छपा लू.
-हं. बिचार कैले छी. मार्च -2024 के सगर राति दीप जरैय कार्यक्रम मे पोथी के लोकार्पण हो जाए.
-हे! तब त अंहा कथाकार कहायब.
-हे एगो बात आउर कहूं।
-कहूं।
-हे! फेसबुक पर हमरो हाथ मे पोथी धैलवाला फोटो पोस्ट क देबय।
@आचार्य रामानंद मंडल, सीतामढ़ी।

Language: Maithili
1 Like · 1 Comment · 276 Views
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