कोशिश
कोशिश करना काम है तेरा, कोशिश करके ही हल निकलेगा।
आज यदि तू रहा असफल,फल आज नहीं तो कल निकलेगा।।
कर इतनी मेहनत तू धरा पर,तेरी मेहनत से जो पसीना निकलेगा।
सींच दे इन पौधों को जल से,अब बंज़र ज़मीन से भी फल निकलेगा।।
कोशिश करना काम है तेरा,तेरी उम्मीद का बल हर पल निकलेगा।
बढ़ता रह मंज़िल की ओर तू, तेरी जीत का सूरज चल निकलेगा।।
देख तू उस चींटी की कोशिश, जो गिरकर हर बार सँभलती है।
हिम्मत ना कभी वो हारती है,जब मुँह में दान लेकर वो चलती है।।
मंज़िल होती है जितनी कठिन,उतनी ही अधिक हिम्मत उसको मिल जाती है।
आख़िर यह उसकी कोशिश है,जिसके कारण कभी हार नहीं वो पाती है।।
जो जीना सीख लेता है ज़िंदगी,ज़िंदगी उसका ही तो साथ निभाती है।
इस पूरे सफ़र में ज़िंदगी के ही,कठिनाई और ख़ुशियाँ आती जाती हैं।।
कहे विजय बिजनौरी कोशिशें, जीवन में सफलता की कुँजी कहलाती हैं।
जो जीवन में कोशिश नहीं करते,उनके हिस्से में केवल हार ही आती है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।