Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

कैसी यह मुहब्बत है

कैसी यह मुहब्बत है दोस्तो
कट रही रोज टुकडों में दोस्तों

जब प्यार था तब घर वार छोड़ दिया
आज उस ने ही यार प्यार छोड़ दिया

दिल से उतार फैंक दो उसे तुम
जिसने तुझे दिल से निकाल दिया

सौ टुकड़ो में कटने से अच्छा है
कि अकेले जिंदा रह लेना दोस्तों

जिंदगी जीने की सौ वजह ढूंढ लेना दोस्तों
तुम्हारे साथ जो हो रहा उस से उबर कर

दूसरों के लिए थोड़ा जी लेना दोस्तों
गम न करना मुहब्बत गवाने का जरा भी

मिलती नही यह जिंदगी दुबारा तो
कुछ अपनी फिक्र कर लेना दोस्तों

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा,उप

10 Likes · 2 Comments · 133 Views

You may also like these posts

चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*वृद्धाश्रम*
*वृद्धाश्रम*
Priyank Upadhyay
पत्नी के डबल रोल
पत्नी के डबल रोल
Slok maurya "umang"
दुलहिन
दुलहिन
श्रीहर्ष आचार्य
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
**** महफ़िल  तेरे नाम की *****
**** महफ़िल तेरे नाम की *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माया के मधुपाश
माया के मधुपाश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आत्मचिंतन की जीवन में सार्थकता
आत्मचिंतन की जीवन में सार्थकता
Sudhir srivastava
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बेटी की ताकत पहचाने
बेटी की ताकत पहचाने
D.N. Jha
"रहमतों के भरोसे"
Dr. Kishan tandon kranti
मंज़िल अब दूर नही
मंज़िल अब दूर नही
Sonam Pundir
ईरादा
ईरादा
Ashwini sharma
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
Rj Anand Prajapati
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
शबनम
शबनम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
Shweta Soni
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
कविता
कविता
Rambali Mishra
सूरज दादा ने ठानी है, अपना ताप बढ़ाएंगे
सूरज दादा ने ठानी है, अपना ताप बढ़ाएंगे
Dr Archana Gupta
तुझे देखने को करता है मन
तुझे देखने को करता है मन
Rituraj shivem verma
शब्दों के चरण में बच्चा
शब्दों के चरण में बच्चा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
खुदा तू भी
खुदा तू भी
Dr. Rajeev Jain
क्या लिखते हो ?
क्या लिखते हो ?
Atul "Krishn"
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
■ और एक दिन ■
■ और एक दिन ■
*प्रणय*
Loading...