Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

कुटिल वक्र रेखाऐं

कुटिल वक्र रेखाएँ उरतल,
खिंची,मिटी न कभी मिटाऐ,
ताक रही मृत्यु जीवन को,
सत्य किंतु उर को न भाऐ।

पश्चाताप प्रवृत्ति दृग में,
नहीं तनिक छविमान कहीं,
जीवन में प्रतिशोध मात्र ही,
समाधान भी नहीं कभी।

अपमान विस्मृति कठिनकार्य,
जीवन में अध्याय अरुचिकर,
समयान्तर से शायद सम्भव,
किन्तु प्रतीक्षा निश्चय कटुतर।

क्षमाशीलता मात्र विकल्प,
ईश्वरीय वरदान कदाचित,
मन के कष्टों का भार घटाती,
जीवन के दिन वैसे भी अल्प।

–मौलिक एवम स्वरचित–

अरुण कुमार कुलश्रेष्ठ
लखनऊ (उ.प्र.)

Language: Hindi
240 Views

You may also like these posts

-तेरे प्रेम का कोई मोल नही है -
-तेरे प्रेम का कोई मोल नही है -
bharat gehlot
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Chaahat
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dipak Kumar "Girja"
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदगी झंड है,
जिंदगी झंड है,
कार्तिक नितिन शर्मा
तेरे मेरे रिश्ते
तेरे मेरे रिश्ते
Sudhir srivastava
विनती
विनती
Saraswati Bajpai
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
लाचार द्रौपदी
लाचार द्रौपदी
आशा शैली
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कसम, कसम, हाँ तेरी कसम
कसम, कसम, हाँ तेरी कसम
gurudeenverma198
प्रेम किसी दूसरे शख्स से...
प्रेम किसी दूसरे शख्स से...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" घास "
Dr. Kishan tandon kranti
तिनका तिनका सजा सजाकर
तिनका तिनका सजा सजाकर
AJAY AMITABH SUMAN
श्रम-यज्ञ
श्रम-यज्ञ
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
एक लड़की
एक लड़की
पूर्वार्थ
गुरु
गुरु
Ahtesham Ahmad
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
संजय कुमार संजू
Miss u mummy...
Miss u mummy...
Priya princess panwar
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
पहाड़ों मा पलायन
पहाड़ों मा पलायन
Durgesh Bhatt
2822. *पूर्णिका*
2822. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
जीवन में रस भरता है संगीत
जीवन में रस भरता है संगीत
Ritu Asooja
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
*प्रणय*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...