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11 Jun 2023 · 1 min read

कुछ तो बात है उसमें

कुछ तो बात है उसमें, वो जाने क्या कर गयी।
था भरी महफिल में मैं अब तक
वो इक पल में तन्हा कर गयी।।

कौन है वो जो इस दिल में हलचल कर गयी,
चंद रोज पहले मिली और घर कर गयी।
अब तक तो ये दिल था झरना कल – कल बहने वाला,
वो आई और सागर कर गयी।
थीं शेरनी जैसी चमकती आंखें उसकी,
बस इक नजर देखा और घायल कर गयी।।
कौन है वो जो इस दिल में हलचल कर गयी,
चंद रोज पहले मिली और घर कर गयी।।

© बदनाम बनारसी

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