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14 May 2023 · 1 min read

चंदा मामा (बाल कविता)

चाँदनी रात में खिलखिला के हँसते हो
कितने उजले दाँत हैं आपके प्यारे मामा?
मैं आपके लिए नया टूथ ब्रश खरीदूँगा
मेरे घर भी आओ ना चंदा मामा.

मेरी माँ मुझसे कहती है की
चंदा मामा अपने घर आएंगे
तुम्हें मेला घुमाने ले जाएंगे
उनके साथ रहना गरम गरम जलेबियाँ खिलाएंगें.

देखो चिंटू ईधर आ जाओ
जल्दी कुछ मीठा ले आओ
चाँदनी रात में आए चंदा मामा
देखो वो तुम्हें देखकर कितना मुस्कुराए.

हम सबके प्यारे मामा
कहाँ छुपते फिरते? जल्दी घर आना
सभी बच्चों के संग आप भी खेलना
प्रोमिस करो खिलौने लेकर आना.

अच्छा चिंटू तुम कहते हो तो?
आज मैं एसा ही करूँगा
ढेर सारे खिलौने के संग
चमचमाती खुशियाँ भी लाउँगा.

मामा ये तो बता दो की आप
कहाँ छुपते फिरते रहते हो?
जब भी आपको देखता हूँ
आप तो मंद मंद मुस्कुराते रहते हो.

सच में चिंटू पिंटू आ जाओ तुम सभी
संग मिलकर हँसी खेल करतें हैं
मुस्कुराना ही तो अपना काम
मैं हूँ सभी प्यारे बच्चों के चंदा मामा.

कवि- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
1 Like · 436 Views
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