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11 Aug 2020 · 1 min read

कि मैं हूँ

रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ,
टूटे हुऐ सपने बिखरी हुई जिंदगी ,
अचानक आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
कदमों को ज़रा बढ़ाओ तो ,
ऐसा कहकर गिरने नहीं देता,
संभाल कर कहता है कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
उड़ो आज़ाद पंछी के जैसे ,
खुले गगन की सैर करो ,
घबराना मत कभी गर्दिश मे,
समझाकर कहता हूँ कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
पोंछ कर आँसू मेरी आँखों के ,
सिसकियों को वो जब चुप कराता है,
और चुप कराकर कहता है कि मैं हूँ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
तन्हाईयों मे जब कभी मन ,
चुपचाप और उदास होता है,
हँसी बनकर वो कहता है कि मैं हूँ ,
रिश्ते बहुत आसान लगते हैं ,
जब कोई कहता है कि मैं हूँ ,
हालात कितने भी नाजुक हों ,
चाहे अँधेरों का साया हो ,
बनके रोशनी वो दिए की ,
उजाला बन के वो कहता है की मैं हूँ !!!!

Language: Hindi
5 Likes · 8 Comments · 508 Views
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