किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को कतरा स्याही का नसीब ना हुआ
किसी को घर में ही मयस्सर हो गई मंजिल
कोई मुसलसल राहों में ही राहे ढूंढता रहा.।
✍️Deepak saral
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को कतरा स्याही का नसीब ना हुआ
किसी को घर में ही मयस्सर हो गई मंजिल
कोई मुसलसल राहों में ही राहे ढूंढता रहा.।
✍️Deepak saral