किरदार
मेरे क़िरदार पर सवाल हो ये मंजूर नही,
सवाल के डर से चुप रहूँ मैं मजबूर नहीं।
जीवन की कहानी में निभाते हैं किरदार,
वाहवाही हो सबकी इतने मशहूर नहीं।
किरदार हो ऐसा की सब मान दें मुझको,
चेहरे से कोई जाने इतने भी हम हूर नही।
हर किरदार की अपनी होती है भूमिका,
गलतियों से ना सीखें इतने बेशऊर नही।
मेरे किरदार ने सीखा है सादा मिज़ाजी,
मान न दूँ बड़ों को इतना भी मगरूर नही।
हर दिल में फूटे कोमल प्रेम का अंकुर,
नफ़रत से दूर रहे मगर प्रेम से दूर नही।
मेरा किरदार है आईने की तरह पारदर्शी,
टूट कर बिखर जाऊँ छोड़ूँ अपना गुर नहीं।