काश…
भूलना चाहता हूँ,
मैं तेरा अहसास,
भुलाने में अग़र तू,
साथ निभादे तू मेरा काश ।
मुझे क्यूँ पड़ गई आदत,
तेरे पास रहने की,
भला भी होगा मेरा कैसे,
तेरी ज़िद है यूँ मुझे जलाने की ।
तू लाख करे कोशिश,
मुझे बरबाद करने को,
“आघात” है आमदा इस क़दर,
तेरी हर ख़ुशी आबाद करने को ।