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13 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल-जितने पाए दर्द नुकीले

जितने पाए दर्द नुकीले
उतने गाए गीत सुरीले

साँप हमारा क्या कर लेंगे
वो ज़हरीले हम ज़हरीले

आदमखोर हुई है दुनिया
आँखें काली,चेहरे पीले

सबको जीवन बाँटे कुदरत
साँसे गिनकर ले तू भी ले

जीवन विष हो या अमृत हो
तू भी हँस कर इसको पी ले

जाने कैसे बरसे बादल
धरती प्यासी नैना गीले

सौ सुख मिलते हैं इक चुप से
तो अपने होटों को सी ले

Language: Hindi
1 Like · 20 Views
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