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20 May 2024 · 1 min read

*टूटी मेज (बाल कविता)*

टूटी मेज (बाल कविता)
🍂🍂🍂🍂🍂🍂
टूटी मेज देखकर रोई
गुड़िया नहीं चैन से सोई

मम्मी ने बढ़ई बुलवाया
संग हथौड़ा लेकर आया

करी मेज की खूब ठुकाई
मुख पर हॅंसी सभी के आई
🍂🍂🍂🍂🍂🍂
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451

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