कविता
कभी-कभी
आप बिना उस से
कुछ कहे ,खामोशी से
उसकी हर बात मान कर ,
चुपचाप हामी भर कर ,
बहुत प्यार से ,
मनुहार से ,
हर प्रकार से,
सिर्फ उसे
खुश करने के लिए ।
और उससे
छुपाने
के लिए।
बेहद
शान्त
रह कर
उस के
होने से
मुकरते हैं
क्योंकि
आप तो
नफ़रत
करतें
हैं
-अजय प्रसाद