“कलयुग का मतलब”
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग
कालखण्डों के नाम,
ये वक्त कभी रुका कब है
बात समझिए तमाम।
ना ही ब्रह्माण्ड में रुक सके हैं
दिन-रात का क्रम,
छह-मासी रात की किंवदन्तियाँ
लगता केवल भ्रम।
परिवर्तन भी ना रुक सके कभी
उसकी अपनी राह,
बस कुछ ही चीजें नियोजित होते
बाकी वक्त की चाह।
कलयुग यानी कलम का युग यह
जान लीजिए आप,
एकाधिकार खत्म होने पर कहते
अशुभ अधर्म औ पाप।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त 2022-23