करुणा-तांका
करुणा
विधा-तांका
1.
घायल तन
भयभीत कपोत
कातर आँख
फड़फड़ाता पाँख
हा करुण विलाप।
2.
आतुर मन
अपलक निगाहें
ताकती राहें
चाहत मिलन की
विरह करुण-सी।
-©नवल किशोर सिंह
करुणा
विधा-तांका
1.
घायल तन
भयभीत कपोत
कातर आँख
फड़फड़ाता पाँख
हा करुण विलाप।
2.
आतुर मन
अपलक निगाहें
ताकती राहें
चाहत मिलन की
विरह करुण-सी।
-©नवल किशोर सिंह