करवा चौथ
अखण्ड सौभाग्य के लिए
करवा चौथ का निर्जल उपवास
हमारी मां बहन बेटियों द्वारा किया जाता है,
सोलह श्रृंगार से खुद को सजाकर
चांद और पति को निहार
माता करवा की पूजा पाठ के साथ
इस व्रत का समापन हो जाता है,
पति के हाथों जल पीकर व्रत को तोड़ा जाता है
इस व्रत में प्राकृतिक सामग्री का उपयोग और
प्रकृति से खुद को जोड़ा जाता है,
पति के दीर्घायु होने से इसे जोड़ा जाता है।
अच्छा भी लगता है जब हम
अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं को
आगे बढ़ाते हुए बहुत खुश होते हैं,
पर दुख भी होता है जब हम
अपने ही पर्वों, परम्पराओं, त्योहारों की
महज औपचारिकता निभाते हैं,
उसकी भावनाओं को समझने
और गहराई में उतरने की बजाय
सिर्फ दुनिया को दिखाने को आतुर रहते हैं,
तीज त्योहारों की रस्म अदायगी भर करते हैं
सोशल मीडिया पर छा जाने की चाह में
सिर्फ सजते संवरते, फोटो खिंचवाते,
सेल्फी लेते हुए अपना प्रचार भर करते हैं
तीज त्योहारों की आत्मा को कुचलते हुए
खुद को किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं समझते हैं।
अपनी अहमियत लाइक कमेंट से बताते हैं
हर रिश्ते को सोशल मीडिया के सहारे
मजबूत करते हुए खुद को दिखाते हैं,
असल में हम खुद को भरमाते हैं
आधुनिकता की अंधी दौड़ में आज
करवा चौथ की भी वैसे ही हम सब
अब औपचारिकता भर ही निभाते हैं।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश