कमबख्त मोहब्बत..
ये जाहिर करना कभी
ज़रूरी नहीं समझा हमने
कमबख्त..
मोहब्बत जो हुई उनसे
तो होती चली गई.
कोशिशें लाख की
ख़ुद को समझाने की
पर ये मोहब्बत है जनाब
जो हुई, तो होती चली गई !!!!
हिमांशु Kulshrestha
ये जाहिर करना कभी
ज़रूरी नहीं समझा हमने
कमबख्त..
मोहब्बत जो हुई उनसे
तो होती चली गई.
कोशिशें लाख की
ख़ुद को समझाने की
पर ये मोहब्बत है जनाब
जो हुई, तो होती चली गई !!!!
हिमांशु Kulshrestha