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12 May 2024 · 1 min read

मां

माँ की व्यथा जो रहती है सर्वथा । पर नहीं कहती कभी अपनी कथा ।

माँ करती है दुआ की सुखी रहें मेरा लाल । पर लाल भी करता है कुछ इस तरह कमाल । की माँ को ही समझता है जीवक जंजाल ।

कौन क्या है सब भूल जाता है वह । बेटा होने का फर्ज खूब निभाता है वह ।

बचपन में जो था आँखों का तारा । अब लाल ही कर गया उनको बेसहारा ।

लगता है आ रही है, ऐसी प्रथा । फिर भी न कम हो रही है माँ की ममता ।

Language: Hindi
17 Views
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