Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2024 · 1 min read

कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।

कभी लगता है ये ज़िन्दगी सफर में बीत जाए,
कभी एक घर की तलब सी जगती है।
कभी फिजायें चाहती हैं, स्वछंदता साँसों में घुल जाए,
कभी आस आँगन की, दिल में घर सा करती है।
कभी निर्भीकता कहती है, हर बंधन टूट जाए,
कभी ख्वाहिशें बंधनों की, ये धड़कनें हीं किया करती हैं।
कभी शब्द कहते हैं, बातें मौन में समा जाए,
कभी अनकही बातों को बाँटने की चाहतें सजती हैं।
कभी दर्द कहता है, अश्क़ पलकों में हीं छिप जाए,
कभी सिसकियाँ खुल के रोने की दुआएं करती हैं।
कभी लकीरें चाहती हैं, नसीबों से लड़ती जाएँ,
कभी एकतरफा सौदा, ये किस्मत की आवारगी से करती है।
कभी डरता है दिल कि फिर से टूट ना जाए,
कभी भ्रम बिखरे टुकड़ों के जुड़े होने का ज़हन करती है।
कभी थकान चाहती है, एक पड़ाव कहीं तो मिल जाए,
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।

133 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

"बरसात"
Ritu chahar
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मेरा भारत जिंदाबाद
मेरा भारत जिंदाबाद
Satish Srijan
2679.*पूर्णिका*
2679.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन की खुशी
मन की खुशी
कार्तिक नितिन शर्मा
जिन्दगी ...
जिन्दगी ...
sushil sarna
काव्य-गीत- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के अग्रदूत क्राँत
काव्य-गीत- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के अग्रदूत क्राँत
आर.एस. 'प्रीतम'
तेजस्वी जुल्फें
तेजस्वी जुल्फें
Akash Agam
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Chaahat
एक राजा की राज दुलारी
एक राजा की राज दुलारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जो समझना है
जो समझना है
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
Ravi Prakash
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
वृक्ष लगाना भी जरूरी है
वृक्ष लगाना भी जरूरी है
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
मोहब्बत
मोहब्बत
Phool gufran
" सैल्यूट "
Dr. Kishan tandon kranti
पवित्रता
पवित्रता
Rambali Mishra
#अनंत_चतुर्दशी-
#अनंत_चतुर्दशी-
*प्रणय*
Holiday
Holiday
Dr. Vaishali Verma
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
मिनख रो नही मोल, लारे दौड़ै गरत्थ रे।
मिनख रो नही मोल, लारे दौड़ै गरत्थ रे।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
प्रतिभा
प्रतिभा
Shyam Sundar Subramanian
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
La vie
La vie
SURYA PRAKASH SHARMA
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
Loading...