कभी-कभी
कभी-कभी छोटी-छोटी मुलाकातें एक यादगार बन कर रह जाती हैं ।
कभी-कभी छोटी-छोटी गलतियाँ एक बड़ी परेशानी का सब़ब बन जातीं हैं ।
कभी-कभी छोटी- छोटी गलतफहमियाँ व़हम का एक नास़ूर बन जातीं हैं ।
कभी -कभी छोटी-छोटी बेरुख़ियांँ रिश्तो में एक दऱार बन जाती है ।
कभी-कभी छोटी-छोटी रंजिशें एक बड़ी अदावत बन पेश़ आती है ।
कभी-कभी छोटी-छोटी सलाहें एक बड़ा मश़विरा साब़ित होतीं हैं ।
कभी-कभी छोटी- छोटी खुशियाँ मस़र्रत की यादों का एक खज़ाना बन जाती है ।
कभी -कभी छोटे-छोटे ए़हसास दिल में प्यार की एक लहर बन उभरते हैं।
कभी-कभी छोटी -छोटी इनाय़तें एक दुआ बन अ़ता होती है ।
कभी-कभी छोटी-छोटी परेशानियां अल़म का एक ए़हसास बन पेश होतीं हैं।
कभी-कभी छोटी-छोटी ब़ेताल्ल़ुक़ प़ैरोकारी रुस़वाई का एक सब़ब बन जाती है।
कभी-कभी छोटी -छोटी बातें एक बड़ा मस़ला बन जाती है।
कभी-कभी छोटी-छोटी खिलाफ़तें है एक बड़ी ब़ग़ावत का आग़ाज़ हो उभरतीं है।
कभी-कभी छोटी-छोटी नादानियाँ एक भारी नुक़सान की वज़ह बन जाती हैं।
कभी-कभी छोटी-छोटी कोशिशें एक बड़ी कामयाबी का हिस्सा बन जातीं हैं ।