कफ़न
मुस्कुरा
जब जब बढ़ाया
इक कदम
तूफ़ान नज़रों
में समाया
दम- ब- दम
घेरकर सारी
दिशाओं से मुझे
वक्त ने
नज़रे चुराईं
फिर दमन
मेरा पिंजर
आज भी
चुपचाप है
देर कितनी
कब ये
ओढ़ेगा कफ़न……
मुस्कुरा
जब जब बढ़ाया
इक कदम
तूफ़ान नज़रों
में समाया
दम- ब- दम
घेरकर सारी
दिशाओं से मुझे
वक्त ने
नज़रे चुराईं
फिर दमन
मेरा पिंजर
आज भी
चुपचाप है
देर कितनी
कब ये
ओढ़ेगा कफ़न……