ओ मीत मेरे प्यारे ओ मीत पुराने, सुन सुन रे मेरे गीत सुन मेरे तराने !
ओ मीत मेरे प्यारे ओ मीत पुराने, सुन सुन रे मेरे गीत सुन मेरे तराने
तुझसे मेरा रिश्ता ए प्रेम टूट गया है,
बचपन का अपना साथ था वो छूट गया है,
अब तो मुझे लगता है के रव रूठ गया है
आकर कोई रकीव हमें लूट गया है,
तुझको भी आए याद मेरी कौन ये जाने,
सुन सुन रे मेरे गीत सुन मेरे तराने !
तेरा मेरा दुनियां से वो नज़रो का चुराना,
करता था अपने प्यार पे तो नाज़ ज़माना
लेकिन तुम्हें तो याद रहा मुझको भूलना
आएगा कौन ख्वाब में अब तुमको सताने
आने को तो आएंगे समां और सुहाने
सुन सुन रे मेरे गीत सुन मेरे तराने !
छुटपन में तेरे साथ वो झुरमुट में टहलना
पल पल पे तेरा हसना और हंस हंस के मचलना,
तुमको जहाँ में होंगे बहुत मीत बनाने,
मेरे जिगर के दर्द को तुम तो नहीं जाने
होंगे तेरे जीवन में नए रोज़ फ़साने,बस एक हम न होंगे तेरे अपने बेगाने,
सुन सुन रे मेरे गीत सुन मेरे तराने !